परिचय एवम् उदेश्य

सिरमौर जिला को दो भागो में बांटती गिरी नदी के उत्तरी भाग को गिरिपार तथा दक्ष्णि भाग को गिरिआर के नाम से जाना जाता है। गिरिपार क्षेत्र में राजगढ़ , संगड़ाह, शिलाई, कमरऊ, तहसील नोहराधार हरिपुरधार रोनाहट उप तहसील तथा पौंटा तहसील का आँज भोज क्षेत्र कुल १२७ पंचायतो का इलाका आता है। यहाँ के मूल वाशिंदे खोश , भांट, कोली, डूम, चनाल, डेंटी , बाजगी , लोहार, मियाँ, देवा, बादोई, नटुआ, आदि सभी उप-जातियां होती समुदाय के अंतर्गत आती है। जिनकी कुल जनसंख्या लगभग पोन तीन लाख है।

 

गिरिपार के लोगो को हात्ती इसलिए कहा जाता है की यहां के लोग साल में एक बार अपने गाँव से बिक्री का सामान अदरक सोंठ कला जीरा लाल मिर्च आदि को लेकर हाट के लिए चकरोता, कलसी, चूरपुर, जगाधरी, नहान के लिए ले जाते थे। और बाज़ार से घर की जरूरत का सामान कपड़ा, गुर, नमक, शीरा, आदि लेकर आतें थे। एक साथ समूह में चलने से बाहरी और अपने लोग इन्हे होती नाम से पुकारने लगे। और धीरे धीरे ये होती नाम गिरिपार क्षेत्र के लोगो के लिए स्थायी रूप से पहचान बन गया।